5 BHAGAVAT GEETA SHLOK IN HINDI
भगवत गीता श्लोक
इस श्लोक का अर्थ है कि जब धर्म का पालन कम हो जाता है और अधर्म बढ़ जाता है, तब भगवान स्वयं अपने रूप में प्रकट होते हैं और धर्म की स्थापना के लिए कार्य करते हैं।
"कर्म में ही तुम्हारा अधिकार है, फलों के लिए कभी नहीं। फल के हेतुओं में मत पड़ो, और कर्म में भी मेरा संग न करो।"
इस श्लोक में बताया गया है कि हमें कर्म करने का अधिकार है, लेकिन हमें फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। हमें केवल कर्म करने में लगना चाहिए और फल की आकांक्षा नहीं करनी चाहिए। फल के लिए कर्म करना हमें बंधनों में डाल सकता है, जबकि निष्काम कर्म हमें मुक्ति की ओर ले जाता है|click herebhagwat geeta book in hindi
"मैं कभी नहीं हूँ अथवा न तू, न ये राजाओं का कोई भी, हम सभी कभी न थे, न हैं, और न होंगे कभी भी।"
इस श्लोक में बताया गया है कि हम सभी जीव अमर हैं, अर्थात्, अनंतकाल तक अस्तित्व में होते हैं। यह अनादि और अनंत आत्मा का अर्थ दर्शाता है, जो कभी न जन्मता है, न मरता है। इस श्लोक के माध्यम से भगवान अर्जुन को अमरत्व के वास्तविक स्वरूप का बोध कराते हैं|
"जहाँ योगेश्वर श्रीकृष्ण हैं और जहाँ पार्थ कुमार अर्जुन हैं, वहाँ श्री (लक्ष्मी), विजय, भूति, ध्रुवीकृति और नीति है। ऐसा मेरा मत है।"
"यह दैवी माया गुणों से युक्त है, मेरी अत्यन्त कठिन पार करने वाली है। जो मुझे ही भजते हैं, वे इस माया को पार कर लेते हैं।"
इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दैवी माया का वर्णन किया गया है, जो कि गुणों से युक्त है और बहुत ही कठिन है। उन्होंने इसका समाधान माना है कि जो भक्त उन्हें ही भजते हैं, वे इस माया को पार कर लेते हैं।
भगवद्गीता, भारतीय धर्मशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो महाभारत के "भीष्मपर्व" में स्थित है। इस ग्रंथ में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को अध्यात्मिक और नैतिक ज्ञान का उपदेश दिया गया है। यह ग्रंथ अर्जुन की अवस्था के समय महाभारत के कुरुक्षेत्र में हुई युद्ध के पूर्व है।
भगवद्गीता में श्रीकृष्ण अर्जुन को अनेक विषयों पर उपदेश देते हैं, जैसे कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग, सांख्ययोग आदि। इन योगों के माध्यम से वह उन्हें समस्याओं का समाधान करने के लिए दिव्य ज्ञान और समझ प्रदान करते हैं। भगवद्गीता में जीवन की महत्वपूर्ण चुनौतियों और संघर्षों का समाधान दिया गया है और इसे जीवन के हर क्षेत्र में अपनाया जा सकता है।
संक्षेप में, भगवद्गीता धर्म, कर्म, योग, ज्ञान, भक्ति, समाधान आदि विषयों पर गहन विचार के साथ जीवन के मूल तत्वों का उपदेश करती है। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन को धार्मिक और आदर्शपूर्ण बनाना है और मनुष्य को उसके कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है।click herebhagwat geeta book in hindi
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